निर्भया एक्ट और POCSO के कठोर कानून, फिर भी यौन अपराधियों को क्यों मिल जाती है राहत?
सवाल यह उठता है कि आखिर गलत इरादे से देखना, घूरना और छूना पॉक्सो के तहत यौन शोषण का अपराध है तो जबरन ब्रेस्ट छूना और पाजामे का नाड़ा तोड़ना, पुलिया के नीचे खींचने की कोशिश करना रेप के प्रयास का अपराध क्यों नहीं?