• Mon, May 2025

निर्भया एक्ट और POCSO के कठोर कानून, फिर भी यौन अपराधियों को क्यों मिल जाती है राहत?

निर्भया एक्ट और POCSO के कठोर कानून, फिर भी यौन अपराधियों को क्यों मिल जाती है राहत?

सवाल यह उठता है कि आखिर गलत इरादे से देखना, घूरना और छूना पॉक्सो के तहत यौन शोषण का अपराध है तो जबरन ब्रेस्ट छूना और पाजामे का नाड़ा तोड़ना, पुलिया के नीचे खींचने की कोशिश करना रेप के प्रयास का अपराध क्यों नहीं?

निर्भया केस के बाद महिला संगठनों के कठिन संघर्ष की बदौलत रेप केस के कानूनों को और कठोर बनाया गया. उम्मीद थी कि इन कानूनों के बन जाने के बाद पुरुष ऐसी हरकतें करने से पहले सौन बार सोचेंगे. पर महिलाओं और बच्चियों की सुरक्षा के लिए निर्भया एक्ट और पॉक्सो एक्ट जैसे कठोर कानून तो बन गये पर जज उसे अपने हिसाब से इस तरह परिभाषित कर रहे हैं कि कानून का मतलब ही खत्म हो जाता है. महिलाओं को न्याय मिलना तो दूभर हो ही जाता है, दूसरे पीड़ित महिलाएं इतनी हतोत्साहित हो जाती हैं कि उन्हें चुप रहना ही बेहतर विकल्प लगने लगता है. सवाल यह भी उठता है कि आखिर गलत इरादे से देखना ,घूरना और छूना पाक्सो के तहत यौन शोषण का अपराध है तो जबरन ब्रेस्ट छूना और पाजामे का नाड़ा तोड़ना, पुलिया के नीचे खींचने की कोशिश करना रेप के प्रयास का अपराध क्यों नहीं?

इलाहाबाद हाई कोर्ट में जस्टिस राम मनोहर नारायण मिश्रा की बेंच ने रेप के प्रयास और अपराध की तैयारी के बीच के अंतर को सही तरीके से समझने की जरूरत बताते हुए कुछ ऐसा ही कहा कि कोई भी महिला या किसी भी बच्ची के माता पिता इस तरह का कोई अपराध होने का अपने मुंह को बंद रखना ही बेहतर समझेंगे. जज ने कहा कि 'पीड़िता के स्तनों को पकड़ना, उसके पजामे का नाड़ा तोड़ना, उसे पुलिया के नीचे खींचने का प्रयास करना रेप के प्रयास के अंतर्गत नहीं आता है. यह गंभीर यौन हमला है.' 

हाई कोर्ट ने निचली अदालत से जारी सम्मन आदेश को संशोधित करने का निर्देश दिया है कि आरोपियों के खिलाफ संशोधित धाराओं के तहत नया सम्मन जारी करें. सवाल उठता है कि क्या निर्भया केस के बाद भी कानून इतने कमजोर हैं कि आरोपी न्‍यायपालिका से राहत जुटा लेते हैं?

John Smith

So they began solemnly dancing round and round goes the clock in a louder tone. 'ARE you to set.